INS Vagir: Indian Navy को मिलने जा रहा एक और बड़ा तोहफा, 26 January से पहले नौसेना की बढ़ेगी ताकतPunjabkesari TV
1 year ago गणतंत्र दिवस से पहले भारतीय नौसेना को मिलने जा रहा एक और तोहफा
भारतीय नौसेना को 23 जनवरी को मिलेगी आधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन "INS Vagir"
प्रोजेक्ट P-75 के तहत बनाई गई है "INS Vagir". यह कलवारी क्लास सबमरीन के तहत बनने वाली पनडुब्बियों में से पांचवीं सबमरीन है।
"INS Vagir" समंदर के अंदर बारूदी सुरंग बिछाने में सक्षम है। इसे 350 मीटर की गहराई में तैनात किया जा सकता है। यह स्टेल्थ तकनीकों से लैस है, जिसकी वजह से दुश्मन को इसका आसानी से पता नहीं चलेगा।
यह पूरी तरह से स्वदेशी पनडुब्बी है। "INS Vagir" दुश्मन को खोजकर उस पर सटीक निशाना लगा सकती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आएगी।
"INS Vagir" पनडुब्बी में ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता है। इसलिए यह लंबे समय तक पानी में रह सकती है।
"INS Vagir" को मझगांव डॉक लिमिटेड ने बनाया है। इसे बनाने की शुरुआत 12 नवंबर 2020 में हुई थी। फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप ने इसमें भारतीय नौसेना की मदद की है
आईएनएस वागीर 221 फीट लंबी है। इसका बीम 20 फीट, ऊंचाई 40 फीट और ड्रॉट 19 फीट का है।
इसमें चार MTU 12V 396 SE84 डीजल इंजन लगे हैं। 360X बैटरी सेल्स हैं। इसके अलावा DRDO द्वारा बनाया गया PAFC फ्यूल सेल भी है, ताकि बिना आवाज के यह तेज गति से दुश्मन की तरफ हमला कर सके।
"INS Vagir"पानी के अंदर 50 दिनों तक रह सकती है।
यह समुद्र के ऊपर 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से एक बार में 12 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकती है। जबकि, पानी के अंदर यह 7.4 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से 1020 किलोमीटर की यात्रा करने में सक्षम है।