MP अजब है! 3 साल से इंग्लिश मीडियम के छात्रों को पढ़ा रहे हिंदी के शिक्षक, पंजाब केसरी पर देखिए शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती ये रिपोर्टPunjabkesari TV
3 months ago MP Siksha Vyavastha Damoh
लोकेशन- दमोह
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MP अजब है! 3 साल से इंग्लिश मीडियम के छात्रों को पढ़ा रहे हिंदी के शिक्षक, पंजाब केसरी पर देखिए शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती ये रिपोर्ट
MP में इंग्लिश के छात्रों को पढ़ा रहे
हिंदी मीडियम के टीचर्स
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पंजाब केसरी ने उठाया स्कूली बच्चों का मुद्दा
दमोह में शिक्षा का स्तर बेहद कमजोर!
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की आई कमी
इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ा रहे हिन्दी के शिक्षक
बच्चों का अध्ययन हो रहा प्रभावित
आधा दर्जन स्कूलों में नहीं हैं इंग्लिश के टीचर
मोंटाज - Visual 1 (00.00-00.08) बैकग्राउंंड म्यूजिक के साथ
वीओ
मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए ... और इंग्लिश मीडियम से पढ़ने वाले बच्चों के एडमिशन भी कराये... लेकिन दमोह जिले में बीते तीन वर्षों से शासकीय स्कूलों में इंग्लिश पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है .... जिसका ख़ामियाज़ा यहां पढ़ने वाले बच्चों को उठाना पड़ रहा है ... पंजाब केसरी पर आज हम लेकर आये हैं हमारे देश का आने वाला कल ... यानी वो बच्चे.. जो कल का हमारे देश का भविष्य है ... लेकिन प्रदेश के दमोह जिले में उस भविष्य की बुनियाद को अंधकार में धकेलने का कार्य किया जा रहा है ... यहां का शिक्षा विभाग और जिम्मेदार अधिकारियों ने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया ... की बच्चों के शिक्षा के अधिकारों को छीना जा रहा है ... और ये काम कोई और नहीं बल्कि इसका जिम्मेदार खुद शिक्षा विभाग है ....बीते तीन सालों से यहां के सरकारी स्कूलों में इंग्लिश के विषय को हिंदी के टीचर पढ़ा रहे हैं ...वहीं जब इस बार नए शिक्षा सत्र की शुरूआत हुई है .. तो पंजाब केसरी ने बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए अपना दायित्य समझा ... हमारे संवाददाता इम्तियाज़ चिश्ती ने कुछ स्कूलों का मुआयना किया ... तो चौकाने वाली हकीकत सामने आई ... सबसे पहले पंजाब केसरी की टीम पहुंची दमोह के शिवाजी स्कूल ... जहां हिन्दी और इंग्लिश मीडियम से पढ़ने वाले बच्चे तो हैं .... लेकिन बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं .... मौके पर ही हमें जन शिक्षक और वहां की शिक्षिकाएं मिलीं ... क्या कुछ कहा सुनिए ...
बाइट- सरोजनी जैन, शिक्षिका (00.10-00.48)
राजेश पांडेय, जनशिक्षक Rajesh Pandey 121 (00.00-02.33)
वीओ
इसके बाद हमारी टीम ने और आगे का रुख किया ... तो धरमपुरा वार्ड में स्थित शासकीय माध्यमिक सरदार पटेल स्कूल में भी लगभग ऐसी ही स्थिति रही ...
बाइट- चंद कुमार जैन, प्रधान अध्यापक (00.07-00.57)
बाइट- तारा बाई अहिरवार, शिक्षिका
वीओ
बात यहीं खत्म नहीं होती है ... इससे भी बुरे हाल है ... शासकीय वीर दुर्गादास हाई स्कूल और गुरु गोविंद स्कूल का .. जहां हिंदी , इंग्लिश दोनों माध्यमों से पढ़ने वाले बच्चे हैं ... लेकिन यहां भी इंग्लिश पढ़ाने के लिए हिन्दी के शिक्षक ही मौजूद हैं
बाइट- सरल दीप्ति पांडे, शिक्षिका (00.34-01.31)
बाइट- सुरेन्द्र सिखर्रा, शिक्षक (00.00-00.42)
प्रभारी प्राचार्या & इम्तियाज़ चिश्ती One 2 One prabhari Paracharya
वीओ
इसके बाद हमारे संवाददाता गुरु गोविंद सिंह स्कूल पहुंचे ... वहां भी वैसा ही हाल रहा जैसे पहले की स्कूल में दिखा ... यहां तीन साल से इंग्लिश के शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं हुई ... सुनिए खुद प्रिंसिपल से
बाइट- प्रिंसिपल, शासकीय गुरु गोविंद स्कूल (00.41-00.59)
वीओ