Singhbhum लोकसभा सीट पर Geeta Koda की होगी अग्निपरीक्षाPunjabkesari TV
8 months ago झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से एक सिंहभूम लोकसभा सीट है...साल 2000 तक सिंहभूम भी बिहार का ही एक हिस्सा हुआ करता था...यह संसदीय क्षेत्र पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है...यह संसदीय क्षेत्र 1957 में दूसरे लोकसभा चुनाव के दौरान अस्तित्व में आया...और झारखंड पार्टी के टिकट पर शंभू चरण पहली बार सांसद चुने गए....1962 में झारखंड पार्टी के टिकट पर ही हरि चरण सोय चुनाव जीते...1967 में भी इस सीट पर झारखंड पार्टी का ही कब्जा रहा...और कोलाई बिरुआ चुनाव जीते...तो 1971 में झारखंड पार्टी के टिकट पर ही मोरन सिंह पूर्ति चुनाव जीतने में कामयाब रहे...वहीं 1977 में भी यह सीट झारखंड पार्टी के पास ही रही...और बागुन सुम्ब्रुई चुनाव जीतकर संसद पहुंचे...कहा जाए तो 1952 से 1977 तक इस सीट पर झारखंड पार्टी का दबदबा रहा...1980 में बागुन सुंब्रुई ने कांग्रेस का हाथ थामा और चुनाव जीते...इसके बाद 1984 और 1989 में भी इस सीट पर बागुन सुम्ब्रुई कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव जीते...1991 में पहली बार यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में गई...और कृष्णा मरांडी सांसद बनी... तो वहीं 1996 में इस सीट पर पहली बार कमल खिला...और चित्रसेन सिंकू चुनाव जीतने में कामयाब रहे...1998 में कांग्रेस ने वापसी की और विजय सिंह शॉ चुनाव जीते...1999 में बीजेपी के टिकट पर लक्ष्मण गिलुआ चुनाव जीतने में कामयाब हुए...2004 में एक बार फिर इस सीट से बागुन सुम्ब्रुई सांसद बनने में कामयाब हुए...2009 में इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मधु कोड़ा चुनाव जीते...तो 2014 के चुनाव में बीजेपी के लक्ष्मण गिलुआ चुनाव जीते थे...2019 में कांग्रेस कैंडिडेट गीता कोड़ा ने जीत हासिल की है....लेकिन इस बार चुनाव से पहले गीता कोड़ा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है....और बीजेपी ने सिंहभूम से गीता कोड़ा को उम्मीदवार बनाया है....सिंहभूम लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं...जिनमें से पश्चिमी सिंहभूम जिले की चाईबासा, मंझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर और जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र और सरायकेला-खरसावां जिले की सरायकेला विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं...