क्या Ranchi Lok Sabha seat पर 2024 में बीजेपी को मिलेगी जीत, Sanjay seth और Subodh kant sahai में फिर हो सकती है टक्करPunjabkesari TV
8 months ago झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से एक रांची राजनीतिक प्रतिष्ठा की लोकसभा सीट है...हालांकि साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड अलग राज्य बना...तब तक रांची भी बिहार का ही एक हिस्सा हुआ करता था...आजादी के बाद साल 1952 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अब्दुल इब्राहिम सांसद चुने गए थे...1957 में इस सीट पर निर्दलीय मीनू मसानी को जीत मिली थी...हालांकि इसके बाद 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस के पीके घोष लगातार तीन बार सांसद चुने गए...लेकिन आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में इस सीट पर भारतीय लोक दल के रविंद्र वर्मा को जीत मिली...1980 और 1984 में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली और शिव प्रसाद साहू सांसद चुने गए...लेकिन 1989 में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा खत्म हो गया और जनता दल के टिकट पर सुबोध कांत सहाय संसद पहुंचे...1991 में इस सीट पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली और रामटहल चौधरी सांसद चुने गए...इसके बाद 1996, 1998 और 1999 तक लगातार रामटहल चौधरी सांसद रहे...2004 में एक बार फिर कांग्रेस ने वापसी की और सुबोध कांत सहाय सांसद चुने गए...2009 में भी यह सीट उनके हाथ में ही रही...जबकि 2014 के मोदी लहर में यह सीट बीजेपी के खाते में गई और एक बार फिर से रामटहल चौधरी सांसद चुने गए....2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के संजय सेठ ने जीत हासिल की थी....रांची लोकसभा सीट के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं...जिनमें से रांची जिले की रांची, कांके, सिल्ली, खिजरी, हटिया और सरायकेला खरसावां की ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं...