लोहरदगा सीट पर बीजेपी कैंडिडेट समीर उरांव की होगी अग्नि परीक्षा, 2024 में यहां बीजेपी और महागठबंधन में होगा सीधा मुकाबलाPunjabkesari TV
8 months ago आपको बता दें कि साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना...तब तक लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र भी बिहार का ही हिस्सा था...इस सीट पर साल 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस के डेविड मुंजिन ने जीत का परचम लहराया था...इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर ही कार्तिक उरांव लगातार दो बार 1967 और 1971 में चुनाव जीते...लेकिन आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में कार्तिक उरांव को जनता पार्टी के लालू उरांव से हार का सामना करना पड़ा...साल 1980 में कार्तिक उरांव ने एक बार फिर से वापसी की और सांसद बने...1984 और 1989 में कांग्रेस के ही टिकट पर सुमति उरांव चुनाव जीतने में कामयाब रहीं...साल 1991 में इस सीट पर बीजेपी का पहली बार खाता खुला और ललित उरांव चुनाव जीते...1996 में भी ललित उरांव ने बीजेपी का कमल खिलाया...1998 में कांग्रेस के इंद्र नाथ भगत चुनाव जीतने में कामयाब हुए...जबकि 1999 में बीजेपी के दुखा भगत चुनाव जीते...साल 2004 में कांग्रेस के रामेश्वर उरांव सांसद चुने गए...लेकिन 2009 और 2014 का चुनाव बीजेपी के सुदर्शन भगत जीतने में कामयाब रहे...लोहरदगा लोकसभा सीट के अंतर्गत लोहरदगा, गुमला और रांची जिले की कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं...आइए आपको बताते हैं कि किस जिले की कौन सी विधानसभा सीटें लोहरदगा लोकसभा के अंतर्गत आती हैं...