क्या किशनगंज सीट पर इस बार मिलेगी अख्तरुल इमान को कामयाबी, कांग्रेस और जेडीयू के कैंडिडेट भी दिखाएंगे दमPunjabkesari TV
7 months ago बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक किशनगंज लोकसभा सीट है...इस सीट पर पहली बार चुनाव साल 1957 में हुआ...और लगातार दो बार कांग्रेस को जीत मिली थी...1967 के चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के एलएल कपूर चुनाव जीते...1971 में इस सीट पर एक बार फिर से कांग्रेस को जीत मिली और जमीलुर रहमान सांसद बने...1977 में बीएलडी के हलीमुद्दीन अहमद को किशनगंज की जनता ने संसद भेजा...इसके बाद 1980 और 1984 के चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली...1985 में उपचुनाव हुए जिसमें जेएनपी के सैय्यद शहाबुद्दीन जीते.....1989 में किशनगंज सीट से कांग्रेस ने मशहूर पत्रकार एम. जे. अकबर को मैदान में उतारा...और वे जीतकर लोकसभा भी पहुंचे...1991 में किशनगंज सीट से एक बार फिर से सैय्यद शहाबुद्दीन चुनाव जीतने में कामयाब रहे...1996 में किशनगंज से जनता दल के कैंडिडेट मोहम्मद तस्लीमुद्दीन चुनाव जीते... 1998 में भी तस्लीमुद्दीन ही RJD के टिकट पर चुनाव जीते...1999 में पहली बार इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली और सैय्यद शाहनवाज़ हुसैन यहां से संसद पहुंचे...लेकिन 2004 में तस्लीमुद्दीन ने शाहनवाज हुसैन को हराकर बदला वसूल लिया...इसके बाद 2009 और 2014 में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली...और इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना असरार-उल-हक़ क़ासमी चुनाव जीते.....वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट डॉक्टर मोहम्मद जावेद ने किशनगंज में जीत का परचम लहराया था.....किशनगंज लोकसभा सीट किशनगंज और पूर्णिया जिले में फैली हुई है...इस सीट के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं...जिनेमें बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर और बैसी शामिल है.....आइए आपको बताते हैं कि किस जिले की कौन सी विधानसभा सीटें किशनगंज लोकसभा के अंतर्गत आती हैं...