कटिहार में ओवैसी बिगाड़ेंगे INDIA गठबंधन का खेल, तारिक अनवर के फैसले पर रहेगी सबकी नजरPunjabkesari TV
7 months ago बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक कटिहार लोकसभा सीट है...इस सीट पर पहली बार चुनाव साल 1957 में हुआ...और कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह चुनाव जीते...1958 में ही इस सीट पर उपचुनाव हुए...जिसमें कांग्रेस के बी. विश्वास चुनाव जीते...साल 1962 में यह सीट प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के खाते में गई...और प्रिया गुप्ता चुनाव जीतने में कामयाब रही...1967 में एक बार फिर से यह सीट कांग्रेस के खाते में गई...और सीताराम केसरी चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे...जबकि 1977 में इस सीट पर जनता पार्टी को जीत मिली...1980 में एक बार फिर इस सीट पर कांग्रेस के तारिक अनवर ने कब्जा जमाया...और 1984 में भी तारिक अनवर ही यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे...लेकिन इसके बाद 1989 और 1991 में जनता दल को इस सीट पर जीत मिली...हालांकि 1996 और 1998 में कांग्रेस की टिकट पर तारिक अनवर चुनाव जीतने में कामयाब रहे...लेकिन उसी दौरान 25 मई 1999 को सोनिया गांधी के विदेशी मूल का विरोध करते हुए तारिक अनवर ने कांग्रेस छोड़ दिया...और शरद पवार और पी. सांगमा के साथ मिलकर एनसीपी यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया...हालांकि 1999 में तारिक अनवर का यह दांव काम नहीं किया...और बीजेपी के निखिल चौधरी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा...इसके बाद 2004 और 2009 के चुनाव में भी यहां से निखिल चौधरी ही चुनाव जीतकर संसद पहुंचे...लेकिन 2014 में मोदी लहर के बावजूद निखिल चौधरी को जीत नसीब नहीं हुई...और एनसीपी नेता तारिक अनवर के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा.....वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू की टिकट पर दुलालचंद गोस्वामी ने जीत हासिल की थी....कटिहार लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं...जिनमें कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी और बरारी शामिल हैं...