दरभंगा में गोपाल जी ठाकुर और ललित यादव में होगा कड़ा मुकाबलाPunjabkesari TV
7 months ago बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक दरभंगा लोकसभा सीट है...दरभंगा पूरे विश्व में पान, मखान, मछली और अतिथियों के सत्कार के लिए जाना जाता है...यहां का मखाना देश और विदेश के कई इलाकों में भेजा जाता था...बताया जाता है कि दरभंगा महाराज भारत के सबसे बड़े जमींदार थे...और उन्होंने जनकल्याण के लिए कई कॉलेज, अस्पताल और स्टेशनों का निर्माण करवाया...दरभंगा लोकसभा के लिए साल 1957 में पहली बार चुनाव हुआ...और यहां से कांग्रेस के नारायण दास चुनाव जीतकर सांसद बने...1962 में भी इस सीट पर नारायण दास ने ही कब्जा जमाया...1967 में भी इस सीट पर जीत तो कांग्रेस को ही मिली लेकिन इस बार एसएन सिन्हा सांसद चुने गए...साल 1971 में कांग्रेस के टिकट पर विनोदा नंद झा संसद पहुंचे...आपाताकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में इस सीट पर भारतीय लोक दल ने कब्जा जमाया और सुरेंद्र झा सुमन सांसद बने...हालांकि 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और हरि नाथ मिश्र चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे...साल 1984 में एक बार फिर से यह सीट कांग्रेस के हाथ से चली गई और लोक दल के टिकट पर विजय कुमार मिश्रा सांसद चुने गए...1989 में जनता दल के टिकट पर शकीउल रहमान सांसद चुने गए...1991 में इस सीट पर जनता दल के ही टिकट पर मोहम्मद अली अशरफ फातमी सांसद चुने गए...1996 और 1998 में भी यह सीट उनके पास ही रही...1999 में इस सीट पर पहली बार कमल खिला और कीर्ति आज़ाद सांसद बने...लेकिन 2004 में यह सीट आरजेडी के खाते में गई और मोहम्मद अली अशरफ फातमी सांसद चुने गए...जबकि 2009 और 2014 में यह सीट एक बार फिर से बीजेपी के खाते में गई और कीर्ति आज़ाद सांसद बने....वहीं बीजेपी कैंडिडेट गोपाल जी ठाकुर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी....गौरतलब है कि दरभंगा लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं...जिनमें दरभंगाए जिले की गौरा बौरम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा और बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं...